जानिए कैसी है राष्ट्रीय महिला आयोग की सरंचना, उद्देश्य व कार्यप्रणाली

जीवन अनमोल है इसे आत्महत्या कर नष्ट नहीं करें !

हम सब मिलकर ऑक्सीजन,बेड,इंजेक्शन और वेंटीलेटर दिलाएं !

मास्क लगाकर रहें ! सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखें !

संस्कार न्यूज़ राम गोपाल सैनी

राष्ट्रीय महिला आयोग की संरचना : 

धारा  3, राष्ट्रीय महिला आयोग अधिनियम 1990   केन्द्रीय सरकार राष्ट्रीय महिला आयोग  के नाम से ज्ञात एक निकाय का गठन करेगी  जो इस अधिनियम के अधीन जो उसे प्रदत्त शक्तियो का प्रयोग ऒर समनु दिष्टित कर्तव्यों का पालन करेगा ।

वर्तमान मे आयोग के अध्यक्ष एवम सदस्यगण = रेखा शर्मा  7,अगस्त 2018 से राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष है ।इनकी कार्यशैली कि दो प्रमुख विशेषतायें जो अनायास ही दृष्टिगोचर है उनकी दृढ इच्छा शक्ति ऒर नेतृत्व की भावना ।

आयोग की सदस्यगण कमलेश गौतम सदस्य 19,नवम्बर 2018 से , चंद्र मुखी देवी सदस्य 26नवम्बर 2018 से तथा श्यामला एस०कुदर सदस्य 7 मार्च 2019 से व डॉ, राजुल बेन एल , देसाई सदस्य 8, मार्च 2019 एवमं मीता राजीव लोचन सदस्य सचिव 8 जन ,2020 से है। भारतीय संसद द्वारा 1990 मे पारित अधनियम  के तहत  31, जन , 1992में गठित एक सांविधिक निकाय है  यह एक ऐसी इकाई है जो शिकायत या स्वतः संज्ञान के आधार पर महिलाओं के सवैधानिक हितों ओर उनके लिये कानूनी सुरक्षा उपायों को लागू कराती हैं ।

आयोग की पहली प्रमुख जयंती पटनायक थीं ।  17, सितम्बर 2014  को ममता शर्मा का कार्यकाल  पूरा होने के बाद ललिता कुमार मंगलम को आयोग का प्रमुख बनाया गया था ।मगर पिछले साल सितम्बर  में पद छोड़ने के बाद रेखा शर्मा  बतौर कार्यकारी अध्यक्ष कार्य कर रही थीं । अब रेखा शर्मा को राष्ट्रीय महिला आयोग का अध्यक्ष बनाया गया हैं ।

आयोग के उद्देश्य : 

राष्ट्रीय महिला आयोग का उद्देश्य भारत में महिलाओं के अधिकारों का प्रतिनिधित्व करने के लिये ओर उनके मुद्दों एवम समस्याओं के लिये एक आवाज प्रदान करना है ।आयोग ने अपने अभियान में प्रमुखता के साथ दहेज , राजनीति , धर्म , ऒर नोकरियों में महिलाओं के लिये प्रतिनिधित्व तथा श्रम के लिये महिलाओं के शोषण को शामिल किया है साथ ही महिलाओं के खिलाफ पुलिस दमन और गाली गलौच को भी गम्भीरता से लिया है ।

बलात्कार पीड़ित महिलाओं के राहत और पुनर्वास के लिये बनाने वाले कानून में राष्ट्रीय महिला आयोग की महत्वपूर्ण भूमिका रही हैं ।अप्रवासी भारतीयो पतियों के जुल्मों और धोके की शिकार या परित्यक्त महिलाओं को कानूनी सहारा देने के लिये आयोग की भूमिका भी अत्यंत सराहनीय रहीं हैं ।

राष्ट्रीय महिला आयोग के कार्य : 

(1 ) संविधान तथा अन्य कानूनो के अंतर्गत महिलाओं के लिये बने सुरक्षा उपायों की जांच करना साथही उनके प्रभाव कारी कार्यावयन के उपायों पर सरकार को सिफारिश करना ।

(2)जहां आवश्यक हो वहां कानूनों में संशोधन की सिफारिश करना ।

(3)प्राप्त शिकायतों पर विचार करना तथा सम्बधित अधिकारियों के साथ मुद्दों को उठाना ।

(4) महिलाओं के सामाजिक आर्थिक विकास के लिये योजना बनाने की प्रक्रिया में भागीदारी और सलाह देना उन पर होने वाले अत्याचार एवमं भेदभाव के लिये पुरजोर आवाज़ उठाना ।

(5) कारागर ,रिमांड ग्रहों जहां महिलाओं को अभिरक्षा में रखा जाता हैं आदि का निरीक्षण करना ।आयोग को संविधान तथा अन्य कानूनो के तहत महिलाओं के सरक्षण से सम्बधित मामलों की जाँच करने के लिये सिविल न्यायालय की शक्तियां प्रदान की गई हैं । राष्ट्रीय महिला आयोग के साथ-साथ राज्य महिला आयोग का गठन भी किया गया जिस की कार्यप्रणाली जिला स्तर पर भी स्थापित की गई है।

राष्ट्रीय महिला आयोग का कार्यालय नई दिल्ली मे स्थित है  


                                                                                              लेखक - जी.एस.दायमा  (सीकर/भीलवाड़ा)

                                                                                       (सेवानिवृत्त वरिष्ठ बैंक अधिकारी व सामाजिक कार्यकर्ता)



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