27 साल बाद कृषि प्राध्यापक के पदों पर भर्ती

जीवन अनमोल है , इसे आत्महत्या कर नष्ट नहीं करें !



मास्क लगाकर रहें ! सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखें !


संस्कार न्यूज़ @ राम गोपाल सैनी / गोविंद सैनी


जयपुर (संस्कार न्यूज़ ) साल 2018 में आरपीएससी की ओर से 20 विषयों के व्याख्याता के 5 हजार पदों पर भर्ती  निकाली गई थी, जिसमें 370 पद कृषि प्राध्यापक के भी थे, लेकिन आरपीएससी की ओर से इस विषय में भर्ती के लिए बीएड की अनिवार्यता लागू की गई | जिसके बाद एमएससी एग्रीक्लचर के डिग्रीधारी अभ्यर्थी हाईकोर्ट पहुंचे | हाईकोर्ट ने अभ्यर्थियों को परीक्षा में शामिल करने के आदेश दिए, परिणाम में करीब 650 अभ्यर्थियों को उत्तीर्ण भी किया गया, लेकिन अब अंतिम परिणाम में जिन अभ्यर्थियों के पास बीएड की डिग्री नहीं है उनको बाहर किया जा रहा है |




कृषि प्राध्यापक की भर्ती को लेकर प्रदेश के 3 मंत्रियों सहित करीब 73 विधायक आरपीएस को पत्र लिख चुके हैं | अभ्यर्थियों का कहना है कि '27 सालों के बाद कृषि प्राध्यापक की भर्ती निकाली गई है और उसमें भी नये नियम जोड़ दिया गया | जिसके तहत करीब 90 फीसदी से ज्यादा अभ्यर्थी बीएड धारी नहीं है. कृषि स्नातक कोर्स 4 वर्षीय तकनीकी एवं प्रोफेशनल डिग्री है |. प्रोफेशल कोर्स होने के कारण कृषि में बीएड करने की अनिवार्यता नहीं है | उत्तरप्रदेश, दिल्ली, छत्तीसगढ़ में भी प्राध्यापक, व्याख्याता भर्ती में शिक्षा में डिग्री या डिप्लोमा की अनिवार्यता नहीं है | ऐसे में राजस्थान से भी इस नियम को  हटाना चाहिए. अगर आरपीएससी की ओर से नियम को नहीं हटाया गया तो करीब 290 चयनित अभ्यर्थी भर्ती प्रक्रिया से बाहर हो जाएंगे | इसलिए सरकार को बेरोजगारों के हितों में फैसला लेना चाहिए |




हम सभी किसी ना किसी रूप में जरूरतमंदों की सेवा कर सकते हैं | पड़ोसी भूखा नहीं सोए इसका ध्यान रखें|



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